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गुरु पूर्णिमा विशेष..... 🙏
🍁🌺💐💐🌺🌸🍁" गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा ,
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः "
आज आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि है आज के दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है
गुरु हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरु को महत्व देने के लिए ही महान गुरु वेद व्यासजी की जयंती पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है
गुरु पूर्णिमा का त्योहार हिन्दुओं के साथ साथ, बौद्ध धर्म और जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। भगवान से भी बड़ा दर्जा गुरु को दिया गया है। गुरु के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है। हिन्दू धर्म के अनुसार, बृहस्पति देव सभी देवताओं और ग्रहों के गुरु हैं। एक तरह माता पिता हमें संस्कार देते हैं तो दूसरी तरफ गुरु हमें ज्ञान देता है।
गुरु पूर्णिमा क्या है ?
गुरु पूर्णिमा असद माह की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला एक त्यौहार है इस दिन हिंदू धर्म ग्रंथ के रचयिता गुरु वेद व्यास जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है !
जो अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग रूप से मनाया जाता है इसका विशेष महत्व यह है कि इस दिन लोग अपने गुरु को याद करते हैं उनकी दी हुई शिक्षा से सीख लेकर जीवन में अच्छे मार्ग प्रति चलकर अपने जीवन में उन्नति करते हैं !
बच्चे की पहली गुरु उसकी माँ ..🙏🌺💐
संसारमें बच्चे की प्रथम गुरु मां होती है। जो उसको अच्छे बुरे की समझ बताती है। सामाजिक दायरे में रहने के गुरु सिखाती है। हमें चाहिए कि हम अपने जीवन की पहला गुरु अपने मां का सदा सम्मान करें और उनकी सारी बातें माने !
गुरु पूर्णिमा का अन्य महत्व -
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने अपने सात अनुयायियों (सप्तऋषियों) को योग का ज्ञान दिया, और इस तरह एक गुरु बन गए।
· दूसरा है बौद्ध धर्म, यह त्योहार बुद्ध को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने धर्म की नींव रखी। बौद्धों का मानना है कि इस पूर्णिमा के दिन, बुद्ध ने बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त करने के बाद, उत्तर प्रदेश के सारनाथ शहर में अपना पहला उपदेश दिया था। तभी से उनकी पूजा के लिए गुरु पूर्णिमा के पर्व को चुना गया है। दीन
इस दिन भगवान शिव पार्वती की पूजा की जाती है !
· तथा इस दिन भगवान विष्णु का भी ध्यान करना लाभप्रद रहता है !
हिंदू मान्यताओं के अनुसर आषाढ़ माह में भगवान विष्णु का निवास जल होता है इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन लोग पवित्र जल स्थल में स्नान करते हैं तथा अपने गुरु का ध्यान करते हैं !
किस प्रकार मनाया जाता है यह त्यौहार -
· गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने इष्ट का ध्यान करते हैं इस दिन लोग पवित्र जलशाय में स्नान करते हैं और अपने इष्ट को अर्घ देते हैं !पूजा तथा ध्यान करते हैं और अपने और अपने परिवार के सुख जीवन की मंगल कामना करते हैं लोग आशीर्वाद मांगते हैं कि भगवान अपनी कृपा दृष्टि सदा यूएन पर बनाए रखें!
· इस दिन लोग गुरु से गुरु मंत्र लेते हैं तथा जीवन भर गुरु मंत्र का स्मरण करते हैं या गुरु मंत्र उनकी हर परेशानी में मदद करता है तथा उन्हें जीवन में सच्चाई का मार्ग दिखाता है !
· गुरु पूर्णिमा के दिन दो उपवास रखते हैं तथा अपनी क्षमा अनुसर दान दक्षिणा देते हैं!
· जीवन में गुरु का महत्व
· गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने इष्ट का ध्यान करते हैं इस दिन लोग पवित्र जलशाय में स्नान करते हैं और अपने इष्ट को अर्घ देते हैं !पूजा तथा ध्यान करते हैं और अपने और अपने परिवार के सुख जीवन की मंगल कामना करते हैं लोग आशीर्वाद मांगते हैं कि भगवान अपनी कृपा दृष्टि सदा यूएन पर बनाए रखें!
· इस दिन लोग गुरु से गुरु मंत्र लेते हैं तथा जीवन भर गुरु मंत्र का स्मरण करते हैं या गुरु मंत्र उनकी हर परेशानी में मदद करता है तथा उन्हें जीवन में सच्चाई का मार्ग दिखाता है !
· गुरु पूर्णिमा के दिन दो उपवास रखते हैं तथा अपनी क्षमा अनुसर दान दक्षिणा देते हैं!
· जीवन में गुरु का महत्व
भारत में गुरु और शिष्य की परंपरा आज से नहीं बल्कि श्रष्टि के सृजन के समय से है। भगवान शिव को सब गुरुओं का गुरु माना जाता है। उन्होंने ही सर्वप्रथम सप्त ऋषियों को गुरु पूर्णिमा के ही दिन ज्ञान दिया था। भारत का इतिहास गुरु और शिष्य परंपरा से भरा पड़ा है। जिसे आज भी पढ़कर लोगों को प्रेरणा मिलती है।
गुरुकुल शिक्षा पद्धति
· स्वामी विवेकानंद जी जिनके आचरण का शब्दों में बखान नहीं किया जा सकता वे भी अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस जी के प्रभाव के कारण एक भारत के एक महान विभूति के रूप में जाने जाते हैं।
· चंद्रगुप्त मौर्य को गुरु का आशीर्वाद मिला, जिसके कारण एक साधारण बालक भारत का महान सम्राट बना, जिसे हम आज भी याद करते हैं, उसी चाणक्य को गुरु घनानंद का क्रोध झेलना पड़ा. गुरु के अपमान का दंड उसे अपने कुल के विनाश के रूप में मिला.
भारतीय इतिहास में शिक्षक विद्यार्थी के बहुते उदाहरण हैं
गुरु पूर्णिमा के दिन अपने इष्ट का ध्यान पूजन करें तथा हमेशा अपने गुरु को सम्मान दें और जीवन में उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलते रहें जिसे आप कभी भी गलत रास्ते पर ना जाएं और अपने जीवन में उन्नति करते रहें इस दिन व्रत पूजन करें तथा दान पुण्य करें प्रति विशेष लाभ प्राप्त होता है तथा आपकी मनोकामना भी पूर्ण होती है !
दोस्तों यह समूह पूर्णिमा के बारे में था सारांश और भी ऐसे ही नए-नए और रोचक विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साथ बने रहें यदि आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो लाइक करें और अपने मित्रों के साथ शेयर करें और गुरु के बताए हुए ज्ञान मार्ग प्रति चलकर अपने जीवन को सत्य की रोशनी से रोशन करते रहें !
Thank you
😊😊😊
Written by - Pooja Ahirwar
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